वे कार्बनिक यौगिक जो शरीर की कोशिकाओं में एंजाइम की सक्रियता में सहायक होते है विटामिन्स कहलाते है।
➲ विटामिन का अध्ययन 'विटामिनोलॉजी' कहलाता है।
➲ विटामिन्स लघु पोषक तत्व, जैविक नियंत्रक तथा उपापचयी नियंत्रक होते है और इन्हे 'रक्षात्मक खाद्य' भी कहते है।
➲ विटामिन भोजन के सूक्ष्ममात्रिक तत्व में आते है।
➲विटामिन्स हमारे शरीर की रोगों से रक्षा तथा हमारे शरीर की सामान्य वृद्धि के लिए आवश्यक होते है।
➲विटामिन की कमी से अनेक रोग हो जाते है।
➲ भोजन गर्म करने पर सबसे पहले नष्ट होने वाला अवयव - विटामिन है।
➲खोज - हॉपकिंस ने ( "सहायककारक" नाम दिया ) ।
➲ विटामिन नाम - केसीमर फंक ने।
➲रासायनिक नाम - पायरीडॉक्सीन।
➲कमी से रोग -
➲कमी से रोग - मगला ब्लास्टिक एनीमिया।
➲यह विटामिन RBC के निर्माण तथा DNA संश्लेषण में आवश्यक है।
➲कमी से रोग - स्कर्वी ( दाँत/मसूड़ों से रक्त स्राव होना, हड्डियों का कमजोर होना आदि )
➲खोज - होलकट ने की।
➲खोज - हॉपकिंस ने।
➲कमी से रोग - रुधिर का अविरल बहना या रक्त का थक्का न बनना।
➲यह विटामिन यकृत में फाइब्रिनोजन एवं प्रोथॉम्बिन का निर्माण के लिए आवश्यक होता है।
➲विटामिन सी सर्वप्रथम खोजा जाने वाला विटामिन है।
➲विटामिन से हमें कोई ऊर्जा नहीं मिलती है।
➲जल में घुलनशील विटामिन- B&C
➲वसा में घुलनशील विटामिन - A, D, E& K
➲खोज - मैकुलन ने।
➲रासायनिक नाम - रेटिनॉल।
➲विटामिन से हमें कोई ऊर्जा नहीं मिलती है।
➲जल में घुलनशील विटामिन- B&C
➲वसा में घुलनशील विटामिन - A, D, E& K
विटामिन के खोजकर्ता |
विटामिन A :-
➲खोज - मैकुलन ने। ➲रासायनिक नाम - रेटिनॉल।
➲कमी से होने वाले रोग -
1. रतोंधी अर्थात रात्रि अंधापन (निकटोलोपिया)
2. जीरोफ्थेल्मिया
2. जीरोफ्थेल्मिया
3.आँखों में सफ़ेद "Bitot's Spot" बन जाते है।
➲ विटामिन - A का मुख्य कार्य दृष्टि रंगाओं का निर्माण करना होता है।
➲ दृष्टि के लिए यह हमारे आँखों में रोडोप्सीन का निर्माण करते है।
➲विटामिन A आँख को सर्वाधिक प्रभावित करता है।
➲विटामिन A 'संक्रमण-रोधी' अथवा 'रोग प्रतिरोधक' विटामिन भी कहलाता है।
➲इसका निर्माण पीले और लाल कैरोटिनॉइड रंजक द्वारा यकृत में होता है।
➲विटामिन A 'संक्रमण-रोधी' अथवा 'रोग प्रतिरोधक' विटामिन भी कहलाता है।
➲इसका निर्माण पीले और लाल कैरोटिनॉइड रंजक द्वारा यकृत में होता है।
➲ प्राप्ति स्रोत - गाजर (उत्तम स्रोत) , अंडे, दूध, पपीता, मछली का तेल, टमाटर आदि।
➲ विटामिन -A की सर्वाधिक मात्रा 'Halibut Fish Liver Oil' में पायी जाती है।
विटामिन B1 :-
➲रासायनिक नाम - थायमिन।
➲ इस विटामिन को एंटी बेरी-बेरी कारक तथा एन्यूराइन भी कहते है।
➲कमी से होने वाला रोग - बेरी - बेरी ( इसमें हृदय का आकर बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है ), अपच, कब्ज आदि।
➲ विटामिन B-1 की कमी से तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।
➲ प्राप्ति स्रोत - मछली का तेल, मूंगफली, चावल, गेहूँ तथा हरी सब्जियाँ ( हरी सब्जियों में सर्वाधिक पायी जाती है। )
➲कमी से रोग -
विटामिन B2:-
➲ इसे विटामिन - G या लैक्टोफ्लेविन भी कहा जाता है।
➲रासायनिक नाम - राइबोफ्लेबिन। ➲कमी से रोग -
1. किलोसिस - किनारों से मुँह तथा होठों का फटना।
2. ग्लोसाइटिस - जीभ में सूजन, चिकनापन एवं नीलापन होना।
3. डर्मेटाइटिस - त्वचा शुष्क हो जाना।
➲इसकी कमी से मनुष्य में घूमने वाली प्रवृति, निराशा, अनिंद्रा आदि की समस्या बढ़ जाती है।
➲प्राप्ति स्रोत - गाय का दूध, मांस, अंडे, हरे पत्तेदार सब्जियों आदि में पाया जाता है।
➲गले में छाले होने पर Vitamin B-Complex ( Bicasule) प्रभावी होती है।
➲कमी से रोग -
विटामिन B3 :-
➲रासायनिक नाम - निकोटिनिक अम्ल।➲कमी से रोग -
1. बच्चों में वर्द्धि कम।
2 .बालो का सफेद।
2 .बालो का सफेद।
➲ प्राप्ति स्रोत - मांस, गन्ना, मूंगफली आदि।
➲कमी से रोग - पेलेग्रा (4D रोग )
4D का मतलब - Diarrhoea=दस्त
Dermatitis=त्वचा रोग
Dementia=याददास्त कम
Death = मृत्यु।
विटामिन B5:-
➲रासायनिक नाम - पैण्टोथेनिक अम्ल।➲कमी से रोग - पेलेग्रा (4D रोग )
4D का मतलब - Diarrhoea=दस्त
Dermatitis=त्वचा रोग
Dementia=याददास्त कम
Death = मृत्यु।
➲पेलेग्रा रोग सामान्यत: मक्का खाने वालों में ज्यादा देखने को मिलता है।
➲ इस विटामिन को एंटी पेलेग्रा कारक या विटामिन pp भी कहा जाता है।
➲प्राप्ति स्रोत - वृक्क, दूध, यीस्ट, अंडे आदि।
विटामिनों के रासायनिक नाम और इनकी कमी से होने वाले रोग |
विटामिन B6:-
➲रासायनिक नाम - पायरीडॉक्सीन। ➲कमी से रोग -
1. एनीमिया ( रक्तक्षीणता )
2. डर्मेटाइटिस
3. पेशीय ऐंठन
4. किडनी स्टोन
➲यह विटामिन आंत्र में पाए जाने वाले बैक्टीरिया द्वारा निर्मित होता है अतः सामान्यत : इस विटामिन की कमी नहीं होती है।
➲ इसका उपयोग ट्यूबरक्युलोसिस के उपचार में भी किया जाता है।
➲ प्राप्ति स्रोत - दूध, अनाज, मांस, मछली, यकृत, यीस्ट तथा हरे हरी सब्जियों आदि।
विटामिन B9( Folic Acid):-
➲रासायनिक नाम - टेरोइल ग्लूटेमिक अम्ल।➲कमी से रोग - मगला ब्लास्टिक एनीमिया।
➲यह विटामिन RBC के निर्माण तथा DNA संश्लेषण में आवश्यक है।
➲फोलिक अम्ल विटामिन माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे के स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है।
➲प्राप्ति स्रोत - हरी पत्तियाँ ( पालक ), लीवर, सोयाबीन, यीस्ट, हरी सब्जियाँ आदि।
➲कमी से रोग - परनीसियस एनीमिया (रक्तक्षीणता ), पांडुरोग।
➲इसका कोई पादप स्रोत नहीं है।
विटामिन B12:-
➲रासायनिक नाम - सायनोकॉबलमीन।➲कमी से रोग - परनीसियस एनीमिया (रक्तक्षीणता ), पांडुरोग।
➲इसका कोई पादप स्रोत नहीं है।
➲यह विटामिन केवल जंतुओं एवं इनके उत्पादों में पाया जाता है।
➲प्राप्ति स्रोत - मछली, मांस, गुर्दे, यकृत, आंत्र, दूध, अंडे, पनीर आदि।
➲इसमें कोबाल्ट तत्व पाया जाता है।
➲यह विटामिन आंत्र में बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषित होता है।
➲यह विटामिन RBC या DNA के निर्माण में सहायक होता है।
विटामिन C:-
➲रासायनिक नाम - एस्कोर्बिक अम्ल।➲कमी से रोग - स्कर्वी ( दाँत/मसूड़ों से रक्त स्राव होना, हड्डियों का कमजोर होना आदि )
➲खोज - होलकट ने की।
➲यह विटामिन भोजन गर्म करने पर सर्वप्रथम नष्ट होता है।
➲विटामिन सी को एंटी स्कर्वी विटामिन या एंटी रेबीज विटामिन भी कहा जाता है
➲यह शरीर में संचित नहीं होता है।
➲यह मूत्र द्वारा निष्कासित होता है।
➲इसकी कमी से घाव देरी से भरते है।
➲प्रतिरक्षा तंत्र की सक्रियता को बढ़ता है।
➲यह मूत्र द्वारा निष्कासित होता है।
➲इसकी कमी से घाव देरी से भरते है।
➲प्रतिरक्षा तंत्र की सक्रियता को बढ़ता है।
➲प्राप्ति स्रोत - खट्टे फल जैसे -आंवला, नीम्बू, टमाटर, आम, अमरूद, पत्तागोभी आदि।
➲इसकी सर्वाधिक मात्रा आंवला में पायी है।
➲इसकी सर्वाधिक मात्रा आंवला में पायी है।
➲यह संयोजी उत्तक के निर्माण में सहायक होता है।
➲शराब पीने वालों के शरीर में विटामिन सी की कमी होती है।
➲कटे हुए फलों को अधिक देर तक रखने पर विटामिन सी नष्ट हो जाता है।
विटामिन D:-
➲रासायनिक नाम - कैल्सिफेरोल।➲खोज - हॉपकिंस ने।
➲सक्रीय घटक - कैल्सिट्रियोल।
➲कमी से होने वाले रोग -
➲कमी से होने वाले रोग -
1. बच्चों में रिकेट्स (सूखा रोग )
2. व्यस्क में ऑस्टियोमलेशिया।
2. व्यस्क में ऑस्टियोमलेशिया।
इन दोनों रोगों में रोगी के शरीर की हड्डियाँ कमजोर हो जाती है।
➲इसे धूप का विटामिन भी कहा जाता है।
➲यह विटामिन हार्मोन की तरह भी कार्य करता हैअर्थात इस विटामिन को हार्मोन भी कहा जाता है।
➲इसका कोई पादप स्रोत नहीं है।
➲इसे धूप का विटामिन भी कहा जाता है।
➲यह विटामिन हार्मोन की तरह भी कार्य करता हैअर्थात इस विटामिन को हार्मोन भी कहा जाता है।
➲इसका कोई पादप स्रोत नहीं है।
➲विटामिन D का संश्लेषण सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पराबैगनी किरणों द्वारा त्वचा के कोलेस्टेरोल नामक पदार्थ द्वारा होता है।
➲यह विटामिन गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ बनाये रखता है।
➲यह विटामिन दाँतों एवं हड्डियों के लिए आवश्यक होता है।
➲प्राप्ति स्रोत - मछली का तेल ( सर्वाधिक मात्रा ), सूर्य का प्रकाश, मांस, अंडे, दूध आदि।
➲गर्भ निरोधक दवा का सेवन करने पर यह विटामिन नष्ट हो जाता है।
➲प्राप्ति स्रोत - अंकुरित अनाज, मक्खन, हरी पत्तियाँ, अंडे, मांस, कॉटन बीज तेल आदि।
विटामिन E:-
➲रासायनिक नाम - टोकोफेरोल।➲प्राप्ति स्रोत - अंकुरित अनाज, मक्खन, हरी पत्तियाँ, अंडे, मांस, कॉटन बीज तेल आदि।
➲कमी से होने वाले रोग - बाँझपन ( नपुंसकता ), गर्भपात आदि।
➲इसकी कमी से जनन तंत्र प्रभावित अर्थात यह अंडाणु एवं शुक्राणु के निर्माण में सहायक।
➲अतः इस विटामिन को बांझरोधी विटामिन भी कहा जाता है।
➲इसे एन्टीस्टेरिलिटी विटामिन या सुंदरता का विटामिन भी कहा जाता है।
➲इसे एन्टीस्टेरिलिटी विटामिन या सुंदरता का विटामिन भी कहा जाता है।
➲यह विटामिन त्वचा के दाग एवं धब्बों को हटाने में सहायक होता है।
➲यह विटामिन कोशिका झिल्ली की सुरक्षा भी करता है। तथा पेशियों की क्रियाशीलता बनाये रखने में सहायक होता है।
➲ सेलेनियम तत्व विटामिन - E सहायक तत्व है।
विटामिन K:-
➲रासायनिक नाम - नेफ्थोक्विनोन/फिलोक्विनोन।➲कमी से रोग - रुधिर का अविरल बहना या रक्त का थक्का न बनना।
➲यह विटामिन यकृत में फाइब्रिनोजन एवं प्रोथॉम्बिन का निर्माण के लिए आवश्यक होता है।
➲प्राप्ति स्रोत - पत्तेदार हरी सब्जियाँ, टमाटर,पालक, सोयाबीन, अंडे, पनीर, गोभी आदि।
➲इस विटामिन को रक्त स्राव रोधी विटामिन भी कहा जाता है।
➲इस विटामिन को रक्त स्राव रोधी विटामिन भी कहा जाता है।
➲यह विटामिन एन्टिबायोटिक एण्ड सल्फा औषोधियों के नियमित उपयोग से नष्ट हो जाता है।
➲यह विटामिन प्रोथ्रॉम्बिन के निर्माण के लिए आवश्यक है।
➲यह विटामिन आंत में बैक्टीरिया द्वारा बनता है अतः प्रारम्भ में बच्चों के जन्म के तुरंत बाद आंत्र में बैक्टीरिया नहीं पनपते है। अतः तुरंत रक्तस्राव को रोकने के लिए विटामिन - K का इंजेक्शन लगाया जाता है।
➲इस विटामिन की कमी से होने वाले रोगों के इलाज के लिए ऑपरेशन नहीं किया जाता है क्योंकि अधिक रक्तस्राव का डर रहता है।
विटामिन्स के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु :-
➲विटामिन B-17 एक कैंसररोधी गुण वाला विटामिन है। यह तरबूज में पाया जाता है।
➲विटामिन्स को वृद्धि तत्व भी कहा जाता है।
➲विटामिन - A आँख में दृष्टिवर्णक 'रोडोप्सीन' के निर्माण में सहायक होता है और इसकी कमी से अश्रु ग्रंथि की क्रियाशीलता भी प्रभावित होती है।
➲विटामिन - P रासायनिक नाम - निकोटिनेमाइड है और इसकी कमी से कोशिकाओं का दुर्बल होना रोग हो जाता है।
➲विटामिन - Q रक्त का थक्का बनाने में सहायक होता है।
➲विटामिन - K को एंटीहेमरेजिक विटामिन भी कहा जाता है।
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हमने जाना कि - विटामिन क्या होते है ? , विटामिन कितने प्रकार के होते है ?, विटामिन्स की खोज किसने की अर्थात विटामिन्स के खोजकर्ता ?, विटामिन के प्राप्त करने के स्रोत कौन - कौनसे है ?, विटामिन की कमी से होने वाले रोग ?, हमारे शरीर का कौनसा अंग कौनसे विटामिन से प्रभावित होता है ? अर्थात हमने विटामिन के बारे में विस्तृत जानने की कोशिश की।
अतः मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी दोस्तों को यह पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। यदि दोस्तों आपको यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और आपके कोई सुझाव हो तो उन्हें नीचे Comment Box में डालें। और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें ताकि किसी जरूरतमंद को सहायता पहुँच सकें।
धन्यवाद !
Thanks
ReplyDeleteIts very useful
It is my pleasure
DeleteThanks !
nice information but vit B3 & Vit B5 name enter change so plz cheke vit B3 & B5 and corret
ReplyDeletebaaki sandaar information h
Good
ReplyDeleteThnx .....for your information
ReplyDeleteGood sir👍👍👍👍👍
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