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Essay On GST in Hindi || जीएसटी पर निबंध || वस्तु एवं सेवा कर - जीएसटी क्या है ? || जीएसटी के फायदे और नुकसान

जीएसटी यानि वस्तु एवं सेवा कर, भारत में टैक्स नाम वाली सभी बिमारियों की रामबाण है अर्थात जीएसटी लगने से वो सभी कर जो पहले केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पृथक-पृथक लगाए जाते थे उन सभी करों को हटाकर "एक देश, एक बाजार, एक टैक्स" पर आधारित व्यवस्था जीएसटी को लागु किया गया।  यह एक अप्रत्यक्ष कर है। जो व्यापक तौर पर पुरे देश भर के निर्माताओं, व्यापारियों, वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोक्ताओं पर लागु हुआ। जीएसटी विधेयक को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 19 दिसंबर, 2014 को लोकसभा में पेश किया गया और 6 मई, 2015 को लोकसभा द्वारा जीएसटी को पास कर दिया गया। राज्यसभा में यह विधेयक 3 अगस्त, 2016 को पास किया गया। 
केंद्र सरकार जीएसटी को पुरे देशभर में 1 अप्रैल, 2017 से लागु करना चाहती थी लेकिन इसके लिए पहले संविधान संशोधन करना आवश्यक था जिसके लिए 50% राज्य विधानमंडलों की स्वीकृति आवश्यक थी जो की उस समय संभव नहीं हो सकी। आख़िरकार भारत सरकार ने कर सुधार  हेतु 122 वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी और 1 जुलाई, 2017 से पुरे देश में व्यापक तौर पर जीएसटी ( वस्तु एवं सेवा कर ) के रूप में लागु कर किया गया। 
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वस्तु एवं सेवा कर - जीएसटी क्या है ?

जीएसटी के भाग : -

जीएसटी के मुख्यत: तीन भाग होते है -
  • स्टेट जीएसटी ( State GST )
  • सेंट्रल जीएसटी (Central GST )
  • इंटीग्रेटेड जीएसटी ( Integrated GST )

जीएसटी की आवश्यकता :-

जीएसटी के लागु होने से पहले पुरे भारत में कई सामानों की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती थी क्योंकि उस समय पुरे भारत में कर ढांचा बहुत ही जटिल था जिसमें मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर राज्य सरकार द्वारा तथा वस्तुओं के उत्पादन एवं सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता था। उस स्थिति में हमें किसी भी वस्तु पर करीब 30% से 35% तक कर चुकाना पड़ता था। कुछ वस्तुओं पर तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लगाया जाने वाला यह कर 50% तक पहुँच जाता था जिससे छोटी कंपनियों एवं छोटे व्यापारियों के लिए विभिन्न तरह के कर कानूनों का पालन करना मुश्किल होता था लेकिन जीएसटी आने के बाद यह टैक्स 18% हो गया। इसके अतिरिक्त कोई टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। 
स्पष्टत: पुरे राष्ट्र में वस्तु की कीमत एक जैसी करने के लिए जीएसटी आवश्यक है और इससे सरकार के राजस्व में तीव्र वृद्धि की संभावना है। 

जीएसटी के लाभ:-

  • विभिन्न प्रकार के टैक्स ( कर) के जंजाल की समाप्ति। 
  • निर्माताओं को अब एक ही प्रकार का कर भरना होगा जिससे की वस्तुओं के मूल्य में गिरावट आ सकती है। हालाँकि जीएसटी लागु होने के शुरुआती वर्षों में महंगाई के दिन भी देखने पड़ सकते है। 
  • पुरे देश भर में एक ही तरह का टैक्स लगने के कारण लेन - देन में आसानी। 
  • पुरे देश में एक समान टैक्स लागु हो जाने के कारण देश तथा विदेश के सभी व्यापारियों को समान लाभ होगा। 
  • एक ही कर लगने से भारत के सभी राज्यों के मध्य व्यापार करना सरल हो गया। 
  • पुरे देश भर में टैक्स एकसमान होने से वस्तुओं के मूल्य भी सभी जगह समान होंगे जिससे की लोगों को वस्तुओं को खरीदने के लिए बहार जाने की जरूरत नहीं होगी और उसके समय की बर्बादी भी रुकेगी। 
  • इसके लागु हो जाने से टैक्स की चोरी में कमी आएगी तथा टैक्स पर टैक्स वाली दोहरी टैक्स व्यवस्था से भी छुटकारा मिल जायेगा। 

जीएसटी के नुकसान :-

जीएसटी विधेयक के लागु होने से राज्यों को व्यापक तौर पर नुकसान होने की संभावना है क्योंकि जीएसटी के लागु होने के बाद वे कई प्रकार के कर जैसे - वैट, एंट्री टैक्स, चुंगी, एंटरटेनमेंट टैक्स, स्टेट सेस एवं सरचार्ज टैक्स आदि को वसूल नहीं पायेंगे।  इससे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक उचित व्यवस्था की गयी है कि  प्रत्येक राज्य को पहले 3 वर्षों के लिए 100 % मुआवजा दिया जायेगा। जबकि 4 वर्ष 75 % तथा 5 वर्ष 50% की राजस्व क्षतिपूर्ति प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। 
हालाँकि शराब, डीजल एवं पेट्रोलियम आदि को जीएसटी के दायरे से  अभी तक बाहर बाहर रखा गया है।

निष्कर्ष :-

            हालाँकि ऐसा लगता है की जीएसटी की छवि सकारात्मक की तुलना में नकारात्मक ज्यादा लगती है लेकिन हमे यह समझने की जरूरत है  यह एक शुरूआती दौर है इसके दूरगामी सकारात्मक एवं उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल सकते है। कहा जाता है की कर प्रणाली किसी भी देश की अर्थव्यस्था की रीढ़ की हड्डी है यह जितनी ज्यादा मजबूत होगी आर्थिक ढांचा उतना ही अधिक मजबूत होगा। यह विधेयक आम आदमी के लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि जीएसटी  लगने के बाद सभी जगह वस्तुएं एकसमान दाम पर मिलेगी जिससे की उनको सस्ती वस्तु के चक्कर में अन्य राज्य में जाने की जरूरत नहीं है।  अतः केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है। 

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मैंने हिंदी निबंध जो की जीएसटी यानि वस्तु एवं सेवा कर पर आधारित था को विस्तारपूर्वक समझाने की पूरी कोशिश की है।  इसमें ज्यादातर महत्वपूर्ण और संक्षिप्त आंकड़े ही शामिल किये गए है जो की मुख्य रूप से  एसएससी द्वारा करवायी  जाने वाली लिखित परीक्षा के लिए अत्यंत ही मत्वपूर्ण साबित हो सकता है।  यदि दोस्तों आपको यह निबंध अच्छा लगा हो तो आपसे यह निवेदन है की आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मिडिया पर जरूर शेयर करे। 
धन्यवाद !
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