जब कोई वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को अभिव्यक्त न कर किसी विशेष अथवा विलक्षण अर्थ में रूढ़ हो जाए, तब उसे मुहावरा कहा जाता है। इन्हें वाग्धारा भी कहा जाता है। जैसे - "नौ दो ग्यारह होना " मुहवारा यहाँ गणितीय संक्रिया को व्यक्त न कर इसका अर्थ 'भाग जाना' व्यक्त करता है। ठीक वैसे ही "अंगारों से खेलना" मुहवारे का अर्थ वास्तव में अंगारे से खेलना नहीं है बल्कि इसका अर्थ है कि 'खतरा मोल लेना'।
लोकोक्तियाँ एवं मुहावरों का प्रयोग भाषा में ताजगी और अभिव्यक्ति में संक्षिप्तता लाने के लिए किया जाता है। ये भाषा को साहित्यिक नीरसता से बचाकर सरस और जीवंत बनाते है। जिस लेखक या वक्ता की लोकोक्ति तथा मुहावरे पर पकड़ जितनी ज्यादा होगी उसकी अभिव्यक्ति उतनी ही सरस और चुटीली होगी। मुहावरा एक वाक्यांश होता है जबकि लोकोक्ति अपने आप में पूर्ण वाक्य होती है।
यहाँ कुछ मुहावरे प्रस्तुत है -
यहाँ कुछ मुहावरे प्रस्तुत है -
मुहावरे
➲ अंक भरना - स्नेहपूर्वक गले मिलना।
➲ अँधेरे घर का उजाला होना - एकमात्र सहारा।
➲अंगारे उगलना - क्रोध में कटु वचन कहना।
➲ अपने पैरों पर खड़ा होना - स्वावलम्बी होना।
➲ अंग-अंग ढीला होना ー बहुत थक जाना।
➲ अंधे के हाथ बटेर लगना - अनायास ही अयोग्य व्यक्ति को कोई मूल्यवान वस्तु मिल जाना।
➲ अँधा बनना - जानते हुए भी ध्यान न देना।
➲ अंधेर खाता होना - सही हिसाब न होना।
➲ अक्ल के घोड़े दौड़ना - केवल कल्पनाएं करना।
➲ अक्ल का दुश्मन होना - मुर्ख होना।
➲ अंधे की लाठी होना - एकमात्र सहारा।
➲ आपे से बाहर होना - वश में न रह होना।
➲ अक्ल के पीछे लट्ठ लिए घूमना - बुद्धि विरुद्ध कार्य करना।
➲ आकाश टूटना - अचानक बड़ी विपत्ति आना।
➲ अगर-मगर करना - बहाने बनाना।
➲ आकाश टूटना - अचानक बड़ी विपत्ति आना।
➲ अड़ियल ट्टटू - जिद्दी होना।
➲आड़े आना - बाधक बनना।
➲ अपना उल्लू सीधा करना - अपना स्वार्थ सिद्ध करना।
➲ आग लगने पर कुआँ खोदना - मुसीबत के समय उपाय खोजना।
➲ अपना का मुँह लेकर रह जाना - किसी अकृत कार्य के कारण लज्जित होना।
➲ आटे - दाल का भाव मालूम होना जीवन के यथार्थ को जानना।
➲ अपनी खिचड़ी अलग पकाना - साथ मिलकर न रहना, अलग रहना।
➲ आग में घी डालना - क्रोध को बढ़ाने का कार्य करना।
➲ अपने तक रखना - किसी दूसरे से न कहना।
➲ आग बबूला होना - अत्यधिक क्रोध करना।
➲ अपने मुँह मियाँ मिटठू बनाना - अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
➲ आईने में मुँह देखना - अपनी योग्यता की जाँच कर लेना।
➲ अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना - अपना नुकसान स्वयं करना।
➲ आकाश के तारे तोड़ना - असंभव कार्य को अंजाम देना।
➲ आँखें खुलना - सजग या सावधान होना।
➲ आँधी के आम होना - सस्ती चीजें।
➲ आँखें चार होना ー आमने-सामने होना।
➲ आँसू पोंछना - धीरज व ढांढस बँधाना।
➲ आँच न आने देना - जरा भी कष्ट न आने देना।
➲ आँचल पसारना - प्रार्थना करना।
➲ आँखें चुराना - नजर बचना।
➲ आँखों पर पर्दा पड़ना - भले बुरे की परख न होना।
➲ आँखों में खून उतरना - अत्यधिक क्रोध करना।
➲ आँखें बिछाना - प्रेमपूर्वक स्वागत करना।
➲ आँखों का तारा - अत्यंत प्यारा।
➲ आँखों में धूल झोंकना - धोखा देना।
➲ आसमान सिर पर उठाना - अत्यधिक शोर करना।
➲ आठ-आठ आँसू रोना ー बुरी तरह रोना या पछताना।
➲ उल्लू बनाना - मुर्ख बनाना।
➲उन्नीस बीस का फर्क होना - मामूली अंतर।
➲ आस्तीन का साँप होना - कपटी मित्र।
➲ उल्टी गंगा बहाना - रीति विरुद्ध कार्य करना।
➲ इधर उधर की हाँकना - व्यर्थ की बातें करना।
➲ उड़ती चिड़िया पहचानना - थोड़े इशारे में हो सब कुछ समझ लेना।
➲ इतिश्री करना - अंत या समाप्त होना।
➲ उड़ता तीर झेलना - अनावश्यक विपत्ति मोल लेना।
➲ ईंट का जवाब पत्थर से देना - करारा जवाब देना।
➲ ऊँगली पर नचाना - किसी अन्य के इशारों पर चलना।
➲ उगल देना - सारा भेद प्रकट कर देना।
➲ ईद का चाँद होना - बहुते दिनों बाद दिखना।
➲ ऊँगली उठाना - निंदा डरना या आरोप लगाना।
➲ ईंट से ईंट बजाना - कड़ा मुकबला करना।
➲इशारों पर नचाना - किसी को अपने नियमानुसार चलाना।
➲ अपने तक रखना - किसी दूसरे से न कहना।
➲ आग बबूला होना - अत्यधिक क्रोध करना।
➲ अपने मुँह मियाँ मिटठू बनाना - अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
➲ आईने में मुँह देखना - अपनी योग्यता की जाँच कर लेना।
➲ अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना - अपना नुकसान स्वयं करना।
➲ आकाश के तारे तोड़ना - असंभव कार्य को अंजाम देना।
➲ आँखें खुलना - सजग या सावधान होना।
➲ आँधी के आम होना - सस्ती चीजें।
➲ आँखें चार होना ー आमने-सामने होना।
➲ आँसू पोंछना - धीरज व ढांढस बँधाना।
➲ आँच न आने देना - जरा भी कष्ट न आने देना।
➲ आँचल पसारना - प्रार्थना करना।
➲ आँखें चुराना - नजर बचना।
➲ आँखों पर पर्दा पड़ना - भले बुरे की परख न होना।
➲ आँखों में खून उतरना - अत्यधिक क्रोध करना।
➲ आँखें बिछाना - प्रेमपूर्वक स्वागत करना।
➲ आँखों का तारा - अत्यंत प्यारा।
➲ आँखों में धूल झोंकना - धोखा देना।
➲ आसमान सिर पर उठाना - अत्यधिक शोर करना।
➲ आठ-आठ आँसू रोना ー बुरी तरह रोना या पछताना।
➲ उल्लू बनाना - मुर्ख बनाना।
➲उन्नीस बीस का फर्क होना - मामूली अंतर।
➲ आस्तीन का साँप होना - कपटी मित्र।
➲ उल्टी गंगा बहाना - रीति विरुद्ध कार्य करना।
➲ इधर उधर की हाँकना - व्यर्थ की बातें करना।
➲ उड़ती चिड़िया पहचानना - थोड़े इशारे में हो सब कुछ समझ लेना।
➲ इतिश्री करना - अंत या समाप्त होना।
➲ उड़ता तीर झेलना - अनावश्यक विपत्ति मोल लेना।
➲ ईंट का जवाब पत्थर से देना - करारा जवाब देना।
➲ ऊँगली पर नचाना - किसी अन्य के इशारों पर चलना।
➲ उगल देना - सारा भेद प्रकट कर देना।
➲ ईद का चाँद होना - बहुते दिनों बाद दिखना।
➲ ऊँगली उठाना - निंदा डरना या आरोप लगाना।
➲ ईंट से ईंट बजाना - कड़ा मुकबला करना।
➲इशारों पर नचाना - किसी को अपने नियमानुसार चलाना।
➲ कमर कसना - तैयार होना।
➲ एक आँख से देखना - समदृष्टि या समभाव होना।
➲ कच्चा चिट्ठा खोलना - रहस्य बताना।
➲ एड़ी चोटी का जोर लगाना - बहुत प्रयास करना।
➲ औने-पौने करना ー कम लाभ या कीमत में बेचदेना।
➲ एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होना ー समान प्रवृति के होना।
➲ ओखली में सर देना - जान बूझकर विपत्ति मोल लेना।
➲ एक लाठी से हाँकना - सबके साथ एक-सा व्यवहार करना।
➲ उल्टी माला फेरना - अहित सोचना।
➲ ऋण मढ़कर जाना - अपना कर्ज किसी अन्य पर डालना।
➲ उल्टी पट्टी पढ़ाना - गलत शिक्षा देना।
➲ ऋण उतरना - कर्ज अदा करना।
➲ एक और एक ग्यारह होना - संगठन में ही शक्ति होना।
➲ काम निकलना - अपना मतलब पूरा करना।
➲ कलेजा ठंडा होना - मन को शांति मिलना।
➲ कागजी घोड़े दौड़ाना - केवल कागजी कार्रवाई करना।
➲ कान भर जाना - सुनते सुनते पक जाना।
➲ कान खड़े होना - चौकन्ना होना।
➲ कमर कसना - तैयार होना।
➲ काठ का उल्लू होना - महामूर्ख होना।
➲ कब्र में पाँव लटकाना - मृत्यु के निकट होना।
➲ कान पकड़ना - गलती स्वीकार करना।
➲ कफ़न की कौड़ी न होना - दरिद्र होना।
➲ कान में तेल डालकर बैठकर - सुनकर भी अनसुना करना।
➲ कतर ब्योंत करना - काट छाँट करना।
➲ क्रोध काफूर होना - गुस्सा गायब होना।
➲ कीचड़ उछालना - अपमानित करना।
➲ काल कवलित होना - मर जाना।
➲ एक आँख से देखना - समदृष्टि या समभाव होना।
➲ कच्चा चिट्ठा खोलना - रहस्य बताना।
➲ एड़ी चोटी का जोर लगाना - बहुत प्रयास करना।
➲ औने-पौने करना ー कम लाभ या कीमत में बेचदेना।
➲ एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होना ー समान प्रवृति के होना।
➲ ओखली में सर देना - जान बूझकर विपत्ति मोल लेना।
➲ एक लाठी से हाँकना - सबके साथ एक-सा व्यवहार करना।
➲ उल्टी माला फेरना - अहित सोचना।
➲ ऋण मढ़कर जाना - अपना कर्ज किसी अन्य पर डालना।
➲ उल्टी पट्टी पढ़ाना - गलत शिक्षा देना।
➲ ऋण उतरना - कर्ज अदा करना।
➲ एक और एक ग्यारह होना - संगठन में ही शक्ति होना।
➲ काम निकलना - अपना मतलब पूरा करना।
➲ कलेजा ठंडा होना - मन को शांति मिलना।
➲ कागजी घोड़े दौड़ाना - केवल कागजी कार्रवाई करना।
➲ कान भर जाना - सुनते सुनते पक जाना।
➲ कान खड़े होना - चौकन्ना होना।
➲ कमर कसना - तैयार होना।
➲ काठ का उल्लू होना - महामूर्ख होना।
➲ कब्र में पाँव लटकाना - मृत्यु के निकट होना।
➲ कान पकड़ना - गलती स्वीकार करना।
➲ कफ़न की कौड़ी न होना - दरिद्र होना।
➲ कान में तेल डालकर बैठकर - सुनकर भी अनसुना करना।
➲ कतर ब्योंत करना - काट छाँट करना।
➲ क्रोध काफूर होना - गुस्सा गायब होना।
➲ कीचड़ उछालना - अपमानित करना।
➲ काल कवलित होना - मर जाना।
➲ कुँए में भांग पड़ना - सबकी मति भ्रष्ट होना।
➲ किताबी कीड़ा होना - हर समय पढ़ने में लगा रहना।
➲ कान खोलना - सावधान करना।
➲ कूच करना - चले जाना।
➲ कलेजे का टुकड़ा होना - बहुत प्रिय।
➲ कोढ़ में खाज होना - दुःख में और दुःख आना।
➲ कान कतरना - चतुराई दिखाना।
➲ कमर कसना - किसी कार्य के लिए तैयार होना।
➲ कन्नी काटना - आँख बचाकर निकलना।
➲ कलेजा मुँह को आना - घबरा जाना।
➲ कंधे से कंधा मिलाना - साथ देना।
➲ कान का कच्चा होना - जल्दी से किसी के बहकावे में आना।
➲ कान पर जूँ तक न रेंगना - कोई असर न पड़ना।
➲ कान भरना - चुगली करना।
➲ कौड़ी के मोल बेचना - अत्यंत सस्ता होना।
➲ कोल्हू का बैल होना - निरंतर काम में जुटे रहना।
➲ किला फतेह करना - किसी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करना।
➲ खिचड़ी पकाना - गुप्त योजना बनाना।
➲ खाल खींचना - बहुत मारना।
➲ खटाई में पड़ना - कार्य में व्यवधान आना।
➲ खाट पकड़ लेना - बहुत बीमार पड़ जाना।
➲ खून सूखना - भयभीत होना।
➲ खरी खोटी कहना - भला बुरा कहना।
➲ खरी खरी सुनाना - साफ साफ कहना।
➲ खाक छानना - मारे मारे फिरना।
➲ खून का घूँट पीकर रह जाना - चुपचाप गुस्सा सहन कर लेना।
➲ खेत रहना - युद्ध में मारे जाना।
➲ ख्याली पुलाव पकाना - कोरी कल्पनाएँ करना।
➲ खाक में मिलना - नष्ट होना।
➲ खून पसीना एक करना - कठोर परिश्रम करना।
➲ खून खौलना - अत्यंत गुस्सा आना।
➲ खून ठंडा होना - क्रोध कम होना।
➲ खेल बिगड़ना - काम बिगाड़ना।
➲ खून का प्यासा - भयंकर दुश्मन।
➲ खून सवार होना - मरने मारने को तैयार होना।
नोट : - मुहवारे का वाक्यों में प्रयोग करते समय विशेष रूप से इस बात का ध्यान जरूर रखें कि मुहवारे का ही प्रयोग करें न कि उनके अर्थ वाले किन्हीं ओर शब्दों का, अर्थात ' कान खोलना' के स्थान पर 'सावधान करना' का प्रयोग न करें।
हिंदी के प्रसिद्ध मुहावरे |
➲ गंगा नहाना - किसी कठिन कार्य को पूर्ण करना/दायित्व से मुक्ति मिलना।
➲ गाल फुलाना - गुस्सा होना।
➲ गड़े-मुर्दे उखाड़ना - पुरानी बातें करना।
➲ गुदड़ी का लाल होना - गरीबी में भी गुणवान होना।
➲ गले मढ़ना - जबरन कार्य सौंपना।
➲ गाँठ पड़ना - द्वेष का स्थायी होना।
➲ गागर में सागर भरना - थोड़े शब्दों में बहुत कुछ कह देना।
➲ गाँठ बाँधना - स्थायी रूप से याद रखना।
➲ गाजर मूली समझना - तुच्छ समझना।
➲ गिरगिट की तरह रंग बदलना - अवसरवादी होना।
➲ गाल बजाना - बढ़ चढ़कर बातें करना।
➲ गुड़ गोबर करना - बना कार्य बिगाड़ देना।
➲ घी के दीये जलाना - खुशियाँ मनाना।
➲ घोड़े बेचकर सोना - निश्चिंत होकर सोना।
➲ घुटने टेकना - हार मानना।
➲ घर बसाना - विवाह करना।
➲ घड़ों पानी पड़ना - लज्जित होना।
➲ घाव हरा होना - भुला दुःख-दर्द याद आना।
➲ घर फूंककर तमाशा देखना - अपना नुकशान होने पर भी मौज करना।
➲ घास काटना - बिना गुणवत्ता के कार्य करना।
➲ घास काटना - बिना गुणवत्ता के कार्य करना।
➲ घाट-घाट का पानी पीना - स्थान-स्थान का अनुभव होना।
➲ चित्त उचटना - मन न लगना।
➲ चींटी के पर निकलना - मृत्यु के दिन नजदीक आना।
➲ चिकना देख फिसल पड़ना - किसी के रूप या धन पर लुभा जाना।
➲ चल बसना - मृत्यु होना।
➲ चक्की पीसना - जेल की सजा भुगतना।
➲ चैन की बंशी बजाना - मौज करना।
➲ चंगुल में फँसना - पकड़ में आना।
➲ चोली दामन का साथ होना - बहुत निकटता।
➲ चारों खाने चित्त होना - बुरी तरह हारना।
➲ चिकना घड़ा होना - कुछ भी असर न होना /बेशर्म होना।
➲ चूड़ियाँ पहनना - कायरता दिखाना।
➲ चाँदी का जूता मारना - रिश्वत देना।
➲ चार दिन की चाँदनी होना - अल्पकालीन सुख होना।
➲ चार चाँद लगाना - सुंदरता बढ़ाना।
➲ चिराग तले अँधेरा होना - अपने दोष न देख पाना।
➲ चादर से बाहर पैर पसारना - आय से ज्यादा खर्च करना।
➲ चुना लगाना - नुकसान करना।
➲ छँटे-छँटे फिरना - दूर-दूर रहना।
➲ छक्के छुड़ाना - बुरी तरह हराना।
➲ छाँह तक न छूने देना - समीप न आने देना।
➲ छठी का दूध याद आना - संकट में आना।
➲ छाती पर साँप लौटना - ईर्ष्या करना।
➲ छाती पर मूँग दलना - साथ रहकर परेशान करना।
➲ छाती पर पत्थर रखना - धैर्यपूर्वक कष्ट सहन करना।
➲ छप्पर फाड़कर देना - बिना परिश्रम बहुत देना।
➲ छठे छमासे आना - कभी-कभी आना। ➲ छींकते नाक कटना - छोटी बात पर चिढ़ना।
➲ छप्पर पर फूस न होना - अत्यंत गरीब होना।
➲ छाती ठोकना - कठिन कार्य हेतु प्रतिज्ञा करना।
➲ जले पर नमक छिड़कना - दुखी व्यक्ति को और दुखी करना।
➲ जूठे हाथ से कुत्ता न मारना - अत्यधिक कंजूस होना।
➲ जान हथेली पर रखना - मृत्यु की परवाह न करना।
➲ जी छोटा करना - हृदय के उत्साह में कमी।
➲ जिल्ल्त उठाना - अपमानित करना।
➲ जहर का घूँट पीकर रह जाना - कड़वी बात सहन करना।
➲ जिंदगी के दिन पुरे करना - मृत्यु के दिन समीप होना।
➲ जहर उगलना - कड़वी बातें कहना।
➲ जलती आग में कूदना - जान बूझकर विपत्ति में पड़ना।
➲ जी तोड़कर काम करना - बहुत परिश्रम करना।
➲ जंजाल में पड़ना - संकट में पड़ना।
➲ जान पर खेलना - साहसी कार्य करना।
➲ जूतियाँ चाटना - चापलूसी करना।
➲ जिन्दा मक्खी निगलना - स्पष्ट दिखता हुआ अन्याय सहन करना।
➲ जान के लाले पड़ना - प्राण संकट में पड़ना।
➲ जी चुराना - कार्य से स्वयं को अलग रखना।
➲ जमीन आसमान का अंतर - बड़ा भारी अंतर।
➲ जड़ काटना - समूल नष्ट करना।
➲ जमीन आसमान एक करना - सभी उपाय करना।
➲ झंडा गड़ना - अधिकार करना।
➲ झख मारना - समय नष्ट करना।
➲ झक सवार होना - जिद में आ जाना।
➲ झाड़ू फेरना - नष्ट करना।
➲ टका सा मुँह लेकर रह जाना - लज्जित होना।
➲ टाँग अड़ाना - बाधा डालना।
➲ टका सा जवाब देना - साफ-साफ इंकार कर देना।
➲ टेढ़ी ऊँगली से घी निकलना - चतुराई से काम निकालना।
➲ टोपी उछालना - अपमानित करना।
➲ टेढ़ी खीर होना - कठिन काम होना।
➲ टक्कर लेना - मुकाबला करना।
➲ टस से मस न होना - अपने इरादे से न हटना।
➲ ठाकुर सुहाती बातें करना - चापलूसी करना।
➲ ठीकरा फोड़ना - दोष लगाना।
➲ ठोड़ी पर हाथ धरे बैठना - चिंतामग्न बैठना।
➲ ठीकरा समझना - बेकार समझना।
➲ ठिकाने लगाना - मार डालना।
➲ डिंग हाँकना - व्यर्थ गप्पे लगाना।
➲ डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना - सबसे अलग राय होना।
➲ डकार जाना - किसी की वस्तु हड़प लेना।
➲ डंके की चोट कहना - खुले आम कहना।
➲ डंका बजाना - प्रभाव होना।
➲ ढाई दिन की बादशाहत करना - थोड़े समय का ऐश्वर्य मिलना।
➲ ढोल में पोल होना - सारहीन होना।
➲ ढिंढोरा पीटना - अति प्रचारित करना।
➲ तलवे चाटना - खुशामद करना।
➲ ताव देखना - अंदाजा लगाना।
➲ तिल का ताड़ करना - छोटी सी बात को बढ़ाना।
➲ तारे गिनना - बैचेनी से रात गुजारना।
➲ तूती बोलना - प्रभाव होना।
➲ ताँता बँधना - आने का क्रम न रुकना।
➲ तलवार के घाट उतारना - मार देना।
➲ तह तक पहुँचना - बात का ठीक से पता लगाना।
➲ तितर-बितर होना - बिखर जाना।
➲ तेवर चढ़ना - गुस्सा आना।
➲ तख्ता उल्टा - सरकार बदलना।
➲ तेली का बैल होना - हर समय काम में जुटे रहना।
➲ थूक कर चाटना - अपनी बात से फिरना।
➲ थाह लेना - भेद पता करना।
➲ दाहिना हाथ होना - विश्वासपात्र होना।
➲ दाँत खट्टे करना - परास्त करना।
➲ दांतों तले ऊँगली दबाना - आश्चर्यचकित होना।
➲ दाल में काला होना - शक होना।
➲ दाँव चूकना - अवसर हाथ से निकल जाना।
➲ दाई से पेट छिपाना - जानकार से बात छिपाना।
➲ दाल-रोटी चलना - जीविका निर्वाह करना।
➲ दो टूक बात कहना - स्पष्ट कहना।
➲ दाना-पानी छोड़ना - अन्न-जल त्यागना।
➲ दूध के दाँत न टूटना - अनुभवहीन होना।
➲ दाँत कुरेदने को तिनका न होना - सब कुछ चले जाना।
➲ दिन दूना रात चौगुना होना - शीघ्र होने वाली वृद्धि।
➲ दबी जबान से कहना - अस्पष्ट कहना।
➲ दीया लेकर ढूँढना - ठीक तरह से खोजना।
➲ दाल गलना - काम बनना।
➲ दिन फिरना - अच्छा समय आना।
➲ दिन-रात एक करना - बहुत परिश्रम करना।
➲ दोनों हाथों में लडडू होना - लाभ ही लाभ होना।
➲ धूप में बाल सफ़ेद न करना - अनुभवशून्य न होना।
➲ धरती पर पाँव न पड़ना - अभिमानी होना।
➲ धज्जियाँ उड़ाना - ध्वस्त करना।
➲ नाक कटना - बेइज्जत करना।
➲ नाक रखना - इज्जत बचाना।
➲ नाक रगड़ना - किसी की खुशामद करना।
➲ नाक-भौं सिकोड़ना - घृणा करना।
➲ नमक-मिर्च लगाना - बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
➲ नकेल डालना - वश में करना।
➲ नहले पर दहला होना - करारा जवाब देना।
➲ नानी याद आना - संकट का अहसास होना।
➲ नब्ज पहचानना - ठीक से जानना/ स्वभाव पहचानना।
➲ नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना।
➲ नाच नचाना - परेशान करना।
➲ पहाड़ टूट पड़ना - बड़ी विपत्ति आना।
➲ पगड़ी उछलना - बेइज्जत करना।
➲ पेट पलना - जीवन यापन करना।
➲ पलक पावड़े बिछाना - प्रेमपूर्वक स्वागत करना।
➲ पेट में दाढ़ी होना - बचपन से चतुर होना।
➲ पेट में चूहे कूदना - भूख लगना।
➲ पापड़ बेलना - बहुत मेहनत करना।
➲ पीठ दिखाना - भाग जाना।
➲ प्राण हथेली पर रखना - प्राणों की परवाह न करना।
➲ पानी में आग लगाना - असंभव कार्य करना।
➲ पानी-पानी होना - लज्जित होना।
➲ पेट काटना - अत्यधिक कंजूसी करना।
➲ पाँचों उँगलियाँ घी में होना - सब ओर से लाभ ही लाभ होना।
हिंदी के प्रसिद्ध मुहावरे |
➲ फूँक मारना - भड़काना।
➲ फूल झड़ना - मधुर वचन बोलना।
➲ फूँक-फूँक कर कदम रखना - सावधानीपूर्वक कार्य करना।
➲ बाल बाँका न होना - कोई नुकसान न होना।
➲ बंदर घुड़की - असरहीन धमकी।
➲ बेड़ा पार होना - कष्ट से मुक्ति होना।
➲ बच्चों का खेल - आसान काम।
➲ बालू की भीत होना - शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तु।
➲ बड़े घर की हवा खाना - जेल जाना।
➲ बातें बनाना - बहाना करना।
➲ बाएँ हाथ का खेल - आसान काम।
➲ बीड़ा उठाना - कार्य का संकल्प लेना।
➲ बाँछें खिलना - प्रसन्न होना।
➲ बाल की खाल निकालना - सूक्ष्म अन्वेषण।
➲ बालू से तेल निकालना - असंभव कार्य करना।
➲ बाजी मारना - जीत जाना।
➲ बट्टा लगाना - कलंकित करना।
➲ भंडा फोड़ना - भेद खोलना।
➲ भाड़ झोंकना - व्यर्थ समय गँवाना।
➲ भौंह तानना - क्रुद्ध होना।
➲ भीड़ के छत्ते को छेड़ना - झगड़ालू व्यक्ति को चिढ़ाना।
➲ मुँह की खाना - हारना,बुरी तरह पराजित होना।
➲ मैदान मारना - जीतना।
➲ मुँह काला करना - कलंकित होना।
➲ मौका देखना - अवसर की तलाश में रहना।
➲ मुट्ठी गर्म करना - रिश्वत देना।
➲ मशाल लेकर ढूँढना - अच्छी तरह खोजना।
➲ मक्खीचूस होना - अत्यधिक कंजूस होना।
➲ मर-पचना - बहुत कष्ट सहना।
➲ मन मारना - कामनाओं पर नियंत्रण करना।
➲ मुट्ठी में करना - वश या नियंत्रण में करना।
➲ यश कमाना - प्रतिष्ठा प्राप्त करना।
➲ यमलोक भेजना - मार डालना।
➲ रंगा सियार होना - धूर्त होना।
➲ रंग चढ़ना - प्रभाव पड़ना।
➲ रंग में भंग होना - ख़ुशी के अवसर पर कोई बाधा आना।
➲ रास्ता देखना - प्रतीक्षा करना।
➲ राई का पहाड़ करना - छोटी बात को बड़ी करना।
➲ रंगे हाथों पकड़ना - अपराधी को अपराध करते हुए पकड़ना।
➲ रौंगटे खड़े होना - रोमांचित होना।
➲ रुपया ठीकरी करना - अपव्यय करना।
➲ रोब मिट्टी में मिलना - प्रभाव खत्म होना।
➲ रोब जमाना - धाक जमाना।
➲ लाल पीला होना - क्रोध करना।
➲ लोहा लेना - मुकाबला करना।
➲ लोहा मानना - स्वीकार करना , बहादुरी स्वीकारना।
➲ लोहे के चने चबाना - कठिन कार्य करना।
➲ लहू का घूँट पीना - चुपचाप अपमान सहना।
➲ लटटू होना - रीझना।
➲ लकीर का फकीर होना - पुरातनपंथी होना।
➲ शीशे में मुँह देखना - अपनी योग्यता पर जाना।
➲ शेर के कान कतरना - चालक होना।
➲ श्रीगणेश करना - शुभारम्भ करना।
➲ सफेद झूठ - बिल्कुल झूठ।
➲ सोने में सुगंध होना - एक वस्तु में एकाधिक गुण होना।
➲ सब्जबाग दिखाना - झूठे आश्वसन देना।
➲ सिक्का जमाना - प्रभाव जमाना।
➲सिर आँखों पर लेना - सम्मान देना।
➲ सिर उठाना - विरोध करना।
➲ सिर मुंढाते ही ओले गिरना - कार्य प्रारम्भ करते ही बाधा आना।
➲ सूरज को दीपक दिखाना - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना।
➲ सुखकर काँटा होना - अत्यधिक दुर्बल।
➲ हवा से बातें करना - तेज गति से चलना।
➲ हाथ पैर मारना - प्रयास करना।
➲ हथियार डालना - हार मानना।
➲ हाथ बँटाना - मदद करना।
➲ हाथ-पाँव फूल जाना - घबरा जाना।
➲ हवन करते हाथ जलना - भलाई करते बुरा होना।
➲ हाथ का मैल होना - तुच्छ वस्तु।
➲ हाथ को हाथ न सूझना - घना अंधकार होना।
➲ हाथ मलना - पश्चाताप करना।