➢ 'डांग नृत्य' नाथद्वारा (राजसमंद ) में मनाया जाता है।
➢ राजस्थान का लोकनृत्य - घूमर। ➢ घूमर को राजस्थान के नृत्यों की आत्मा/सिरमौर/सामंती नृत्य कहते है।
➢ अग्नि नृत्य जसनाथी सम्प्रदाय के लोगों द्वारा आग के अंगारों पर किया जाता है।
➢ आग में मतीरे फोड़ने का सम्बन्ध अग्नि नृत्य से है।
➢ राजस्थान का शास्त्रीय नृत्य - कत्थक।
➢ कत्थक नृत्य का उदगम स्थान राजस्थान को माना जाता है।
➢ चकरी नृत्य कंजर जाति की महिलाओं के द्वारा किया जाता है।
➢ 'लांगुरिया नृत्य' गुर्जर व मीणा जाति के लोग कैला देवी माता के मेले में करते हैं।
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➢ राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम लिमिटेड की स्थापना 1984 में की गयी थी।
➢ मयूर बीड़ी का कारखाना टोंक में है।
➢ कैले के पत्तों की सांझी नाथद्वारा की प्रसिद्ध है।
➢ काले पत्थर की मूर्तियां (तलवाड़ा ) बांसवाड़ा से प्राप्त होती है।
➢ बिन्दौरी नृत्य विवाह व होली पर किया जाता है।
➢ गरासिया जनजाति की महिलाओं के द्वारा किया जाने वाला वृताकार नृत्य 'मांदल' कहलाता है।
➢ राजस्थान का एकमात्र बिना वाद्ययंत्र के किया जाने वाला नृत्य - वालर नृत्य।
➢ छीपों का अकोला ( जाजम प्रिंट/ दाबु प्रिंट) चित्तोड़गढ़ की प्रसिद्ध है।
➢ अजरक प्रिंट बाड़मेर की प्रसिद्ध है।
➢ कुचामनी ख्याल के प्रवर्तक लच्छीराम थे।
➢ राजस्थानी भाषा लिपि 'देवनागरी/महाजनी' है।
➢ संत दादू का साहित्य ढूँढाड़ी बोली में लिखा गया है।
➢ मारवाड़ी बोली को राजस्थान की मरुभाषा कहा जाता है।
➢ राजस्थानी भाषा में रामायण के रचयिता 'संत हनुवंत किंकर ' है।
➢ महाभारत का फ़ारसी अनुवाद 'रज्मनाम' कहलाता है।
➢ केसर-ए-हिन्द/ कविराजा की उपाधि भीलवाड़ा के छालीवाडा धोकलिया आहड़ गांव के निवासी श्यामलदास को दी गयी है।
➢ डिंगल का हैरॉस की उपाधि जोधपुर के पृथ्वीराज राठौड़ को दी गयी।
➢ राजस्थान का पहला हिंदी भाषी उपन्यास अम्बिका दत्त व्यास द्वारा रचित अबलाओं का इंसाफ है।
➢ आधुनिक राजस्थानी साहित्य का प्रथम उपन्यास शिवचंद्र भरतिया द्वारा रचित 'कनक सुंदरी' है।
➢ राजस्थानी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष सीताराम लालस द्वारा रचित राजस्थानी व्याकरण है।
➢ राजस्थानी संगीत का विश्व कोष कृष्णानंद व्यास द्वारा रचित राग कल्पद्रुम है।
➢ महाकवि माघ को राजस्थान का कालिदास कहा जाता है।
➢ मुहणौत नैणसी को राजपूताने का अबुल-फजल कहा जाता है।
➢ राजस्थानी साहित्य का प्रथम सम्मेलन 1944 में हुआ था।
➢ 'मरुवाणी ' राजस्थानी भाषा की मासिक पत्रिका है।
➢ उत्तर मध्यकाल राजस्थानी साहित्य का स्वर्णयुग कहलाता है।
➢ राजस्थानी भाषा का सबसे समृद्ध साहित्य 'चारण साहित्य' है।
➢ पृथ्वी राज रासो के रचयिता चंदरबरदाई थे।
➢ पृथ्वी राज विजय के रचयिता जयानक (कश्मीरी ब्राह्मण) थे।
➢ हम्मीर महाकाव्य के रचयिता नयन चंद्रसूरी थे।
➢ "हड़बूजी,गोगाजी, रामदेवजी, मंगलिया मेहाजी व पाबूजी " पांच पीर कहलाते है।
➢ "विश्रांत प्रवास " शिवचंद भरतिया द्वारा रचित प्रथम राजस्थानी कहानी है जो 1904 में लिखी गयी थी।
➢ गोगाजी के मुस्लिम पुजारी 'चायल ' कहलाते थे।
➢ पाबूजी को ऊंटों के देवता/गोरक्षक देवता/प्लेग रक्षक देवता के नाम से जाना जाता है।
➢ अकबरनामा तथा आईने - अकबरी के रचयिता अबुल- फजल है।
➢ "तुजुक-ए-बाबरी" बाबर द्वारा तुर्की भाषा में लिखा गया ग्रन्थ है।
➢ "भैंसरोड़गढ़ दुर्ग " को राजस्थान का वैल्लोर व जल दुर्ग नाम से जाना जाता है।
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